समाज में सामाजिक कार्यों के लिए
महिलादिवस
समाज में सामाजिक कार्यों के लिए
पिछली गतिविधियों में हम जो ऊर्जा लगाते हैं, वह उस समय व्यर्थ हो जाती है। जब हम लगातार कोई काम नहीं करते हैं तो अभी हम आसमान को छूने के रास्ते पर हैं लेकिन आसमान उसे छू नहीं पाया है।